माहसा – चाँद जैसी

माहसा – चाँद जैसी

Chaand Jaisi

माहसा चाँद जैसी

कृष्ण पक्ष का चंद्रमा, जब पूर्णिमा को सो गया,
रक्त रंजित, लाल सूरज, जब क्षितिज में खो गया।
धमनियों का शुष्क शोणित, जब नसों में जम गया,
भयभीत सशंकित विश्व का इतिहास जैसे थम गया।
तुमने अपना रंगीन आँचल, परचम बना लहरा दिया,
पाषाणयुग का बोध जैसे इस युग को भी करवा दिया।

दारायुस की तुम सुता हो, देवाहुति की आस हो,
विद्रोह की आवाज़ हो, तुम सत्य का आभास हो।
माहसा तुम्हारा नाम है, तुम तिमिरभंजक प्रकाश हो,
सदियों की अंधेरी रात में, तुम भोर का विश्वास हो।
आर्तुनि और पैंतिया की फेंकी हुई शमशीर हो,
इतिहास पटल पर कौंधती वक्त की तहरीर हो।

साकेत सूर्येश


दारायुस – Darius the Great, the descendant of Aryans, founder of Persia,
आर्तुनि– Artunis
पैंतिया– Pantea Arteshbod (Persian Women Military Generals)